अकाली दल के नेता ड्रग माफिया को बचाने के लिए न्यायपालिका और जांच एजेंसियों पर बना रहे हैं दबाव - हरपाल चीमा

अकाली दल के नेता ड्रग माफिया को बचाने के लिए न्यायपालिका और जांच एजेंसियों पर बना रहे हैं दबाव - हरपाल चीमा

Pressure on Judiciary and Investigative Agencies

Pressure on Judiciary and Investigative Agencies

बादल की यात्रा पंथ बचाओ से परिवार बचाओ तक पहुंची, अब ड्रग माफिया को बचाने की लड़ रहे हैं लड़ाई - चीमा

बादल परिवार ने अकाली दल को निजी संपत्ति में बदल कर, युवाओं के भविष्य को अपने फायदे के लिए बेच दिया: चीमा

चंडीगढ़, 2 जुलाई: Pressure on Judiciary and Investigative Agencies: आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने अकाली दल पर तीखा हमला बोला और बादल परिवार पर ड्रग तस्करों को बचाने और पंजाब में कानून व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। 

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने अपने नशा विरोधी अभियान को युद्ध में बदल दिया है। नशीले पदार्थों की आमद को रोकने के लिए पंजाब की सीमा पर एंटी-ड्रोन सिस्टम और उन्नत सुरक्षा उपाय शुरू किए हैं। 

चीमा ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आप सरकार पंजाब को नशा मुक्त बनाने के लिए किस तरह के अनोखे काम कर रही है। वहीं कांग्रेस, भाजपा और अकाली दल जैसी पारंपरिक पार्टियां ड्रग माफियाओं का साथ दे रही है। चीमा ने कहा कि पिछले 25-30 वर्षों से इन पार्टियों ने पंजाब पर शासन किया और ड्रग तस्करों के साथ गहरी सांठगांठ की। 2007 से 2017 तक अकाली शासन के दौरान पंजाब में नशे की बाढ़ आ गई, जिसके कारण नौकरियों के बजाय हमारे युवाओं को चिट्टे के पैकेट थमा दिए गए।" 

उन्होंने सुखबीर सिंह बादल पर अकाली दल को एक पंथक आंदोलन से पारिवारिक व्यापारिक साम्राज्य में बदलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अकाली दल की स्थापना 1920 में सिख धर्म, गुरुद्वारों और पंथक मूल्यों की रक्षा के लिए की गई थी। लेकिन बादल परिवार, खासकर सुखबीर बादल द्वारा कब्जा किए जाने के बाद, इसने अपना ध्यान भ्रष्टाचार के माध्यम से धन इकट्ठा करने, होटल, परिवहन व्यवसाय शुरू करने पर लगाया। 

पंजाब सतर्कता ब्यूरो द्वारा सुखबीर बादल के साले बिक्रम मजीठिया की हाल ही में की गई गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए चीमा ने कहा कि शिअद ने अब एक नया अभियान शुरू किया है: "परिवार बचाओ आंदोलन। 1920 में पंथ बचाओ के रूप में जो शुरू हुआ था, वह 2025 में परिवार बचाओ आंदोलन बन गया है। वहीं अब ड्रग मामलों के मुख्य आरोपी बिक्रम मजीठिया को बचाने की भी कोशिश कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि शिअद नेता अब न्यायपालिका और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को डराने की भी कोशिश कर रहे हैं।

चीमा ने चेतावनी देते हुए कहा, "आज जब मजीठिया को अदालत में पेश किया जा रहा है, अकाली नेता न्यायिक कार्यवाही को प्रभावित करने और न्यायाधीशों तथा पुलिस अधिकारियों को धमकाने का प्रयास कर रहे हैं। यह न केवल अदालत की अवमानना है, बल्कि पंजाब की न्यायिक अखंडता के लिए एक गंभीर खतरा है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"

चीमा ने कहा कि आप सरकार संविधान और कानून के शासन में विश्वास करती है। लेकिन दुख की बात है कि अकाली दल ने कभी ऐसी प्रतिबद्धता नहीं दिखाई और आज वह कानूनी प्रक्रियाओं को पटरी से उतारने की कोशिश करने वालों के पक्ष में खड़ा है।

न्यायपालिका से आह्वान करते हुए चीमा ने कहा, "मैं मुख्य न्यायाधीश महोदय से इस मामले का संज्ञान लेने और न्यायिक अधिकारियों तथा जांचकर्ताओं को इस तरह की धमकियों और डराने-धमकाने से रोकने के लिए उचित निर्देश देने का आग्रह करता हूं। सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए है। हम कानून-व्यवस्था में किसी भी तरह की बाधा नहीं आने देंगे।"

चीमा ने जनता को अतीत की घटनाओं की भी याद दिलाई और कहा, "उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी को नजरअंदाज किया, न्याय की मांग कर रहे निर्दोष प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलवाई और अब एक बार फिर अपराधियों के साथ खड़े हैं। यह उस पार्टी का असली चेहरा है जिसका मकसद पंथ और पंजाब को बचाना था। 

चीमा ने कानून व्यवस्था को कायम रखने और पंजाब से नशा खत्म करने के लिए आप सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि पंजाब के लोगों ने 2017 में अकाली दल को 18 और फिर 2022 में 3 सीटों पर समेट कर दंडित किया। यह लड़ाई नहीं रुकेगी। हम उस पूरे गठजोड़ को खत्म करेंगे जिसने हमारे युवाओं को बर्बाद किया है और पंजाब को अंधकार में धकेला।